सूना था की वो आयेंगे अंजुमन में
सूना था की उन से मुलाक़ात होगी
हमें क्या पता था हमें क्या खबर थी
न ये बात होगी न वो बात होगी
मैं कहता हूँ इस दिल को दिल में बसा लो
वो कहते हैं हम से निगाहें मिला लो
निगाहों को मालूम क्या दिल की हालत
निगाहों निगाहों में क्या बात होगी
हमें खींच कर इश्क लाया है तेरा
तेरे दर पे हम ने लगाया है डेरा
हमें होगा जब तक न दीदार तेरा
यहीं सुबह होगी यहीं रात होगी
मुहब्बत का जब हमने छेड़ा फ़साना
तो गोरे से मुखडे पे आया पसीना
जो निकले थे घर से तो क्या जानते थे
की यूं धूप में आज बरसात होगी
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vineet ji
ReplyDeletewahhhhhhhh har sher khub likha hai
swagat ,badhaee sweekar karen. aapki liking ke kya kahane.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया दूसरे ब्लॉगों को भी पढें और उनका उत्साहवर्धन
करें
nice.narayan narayan
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