Saturday, November 7, 2009

सूना था की वो आयेंगे अंजुमन में
सूना था की उन से मुलाक़ात होगी
हमें क्या पता था हमें क्या खबर थी
न ये बात होगी न वो बात होगी





मैं कहता हूँ इस दिल को दिल में बसा लो
वो कहते हैं हम से निगाहें मिला लो
निगाहों को मालूम क्या दिल की हालत
निगाहों निगाहों में क्या बात होगी





हमें खींच कर इश्क लाया है तेरा
तेरे दर पे हम ने लगाया है डेरा
हमें होगा जब तक न दीदार तेरा
यहीं सुबह होगी यहीं रात होगी





मुहब्बत का जब हमने छेड़ा फ़साना
तो गोरे से मुखडे पे आया पसीना
जो निकले थे घर से तो क्या जानते थे
की यूं धूप में आज बरसात होगी

4 comments:

  1. vineet ji
    wahhhhhhhh har sher khub likha hai

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
    कृपया दूसरे ब्लॉगों को भी पढें और उनका उत्साहवर्धन
    करें

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